Sunday, January 9, 2011

कॉमनवेल्थ गेम्स में भ्रष्टाचार और सुरेश कलमाड़ी

कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति और सुरेश कलमाड़ी की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल को कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ी मिली है.पता चला है की  खेल से जुड़े उपकरण बाजार से ज्यादा कीमत पर खरीदे गए.

यह एक खतरनाक प्रवृति को जन्म दे रहा है तथा ऐसी सोच बन रही है की कुछ भी करो अंत में  बच ही जाना है .भारत के उज्जवल भविष्य के लिए इस खतरनाक प्रवृति पर अंकुश लगाना होगा और जो गुनेहगार है उन्हें एक समय सीमा के अंदर सजा दिया जाना चाहिए .

दिल्ली में 3 से 14 अक्तूबर तक कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन हुआ जिसमें संभावना जताई जा रही है कि 70 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए. कॉमनवेल्थ गेम्स से संबंधित प्रोजेक्ट में हुए खर्चों की कैग जांच कर रही है. कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति पर भ्रष्टाचार, खरीदारी में धांधली, कॉन्ट्रैक्ट चुनिंदा और खास लोगों को दिए जाने, बाजार से ज्यादा कीमत पर उपकरणों को खरीदने के आरोप लगे हैं.
भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों ने मिलकर इस काम को अंजाम दिया है .अब उन्हें सजा देने की बारी केंद्र सरकार और भारत की न्यायपालिका की है , तभी देश की आम जनता का भरोशा वर्तमान व्यवस्था पर कायम हो सकता है .

एरिजोना में हुई फायरिंग को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रीय त्रासदी कहा...

एरिजोना में हुई फायरिंग को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रीय त्रासदी कहा. अरीजोना के एक स्टोर में हमलावर ने अंधाधुंध फायरिंग कर एक सांसद और एक जज समेत कई लोगों गोली मार दी.

उन्होंने हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा, ''यह पूरे देश के लिए एक त्रासदी है. ऐसे परिवार जो इसके पीड़ित बने उनके लिए त्रासदी शब्द भी छोटा है. हमारे पास अब भी कई जवाब नहीं हैं. हम यही जानते हैं कि यह हिंसा का एक बुरा और मतलबहीन नमूना है. हम देशवासियों से अपील करते हैं कि वह गिलफोर्ड्स के लिए प्रार्थना करें.''

 

 

Saturday, January 8, 2011

एशिया , दक्षिणी अमेरिका और अफ्रीका में मजबूत होती अर्थव्यवस्थाओं को लेकर यूरोप में नकारात्मक भावना बढ़ रही है...

एशिया , दक्षिणी अमेरिका और अफ्रीका में मजबूत होती अर्थव्यवस्थाओं को लेकर यूरोप में नकारात्मक भावना बढ़ रही है। एक सर्वे के अनुसार  यूरोप की तुलना में इन देशों के लोग नए साल को लेकर आशावादी हैं। ब्राजील , भारत और चीन में 49 फीसदी लोगों ने 2011 के आर्थिक पैमाने पर बेहतर होने की उम्मीद जताई , जबकि 14 फीसदी लोगों ने इसके कठिनाइयों भरा होने की आशंका जताई।

Wednesday, January 5, 2011

एम् एस स्वामीनाथन

भारत की बहुत बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है इसलिए सजग रहने की बहुत ज़रूरत है, अगर सजगता से सही समय पर सही क़दम नहीं उठाए गए तो भारी संकट आ सकता है...एम् एस स्वामीनाथन