प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉ. सी. रंगराजन ने आर्थिक दृष्टिकोण 2011-12 (इकॉनोमिक आउट लुक, 2011-12) जारी किया है । इस अवसर पर डॉ. रंगराजन ने इसकी प्रमुख विशेषताओं का भी उल्लेख किया, जो इस प्रकार है –
Ø वर्ष 2011‑12 में आर्थिक विकास 8.2 प्रतिशत का लक्ष्य
· वर्ष 2010‑11 में कृषिविकास दर 6.6 प्रतिशत रही। वर्ष 2011‑12 में कृषिविकास दर वृद्धि3.0 प्रतिशत का लक्ष्य
· वर्ष 2010‑11 में औद्योगिक विकास दर 7.9 प्रतिशत रही। वर्ष 2011‑12 में इसका 7.1 प्रतिशत का लक्ष्य
· वर्ष 2009‑10 में सेवाओं में 9.4 प्रतिशत की दर से विकास हुआ। वर्ष 2011‑12 में इसके विकास का लक्ष्य 10.0 प्रतिशत रहने का अनुमान
Ø 8.2 प्रतिशत की लक्षित विकास दर पिछले वर्ष की तुलना में कम थी, परंतु वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इसे उच्च विकास दर के तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए।
Ø वैश्विक आर्थिक और वित्तीय परिस्थितिमें सुधार की संभावना कम।
Ø नौ प्रतिशत की विकास दर प्राप्त करने के लिए स्थिर निवेश दर में वृद्धिकिया जाना आवश्यक।
· वर्ष 2010‑11 में 36.3 प्रतिशत और वर्ष 2011‑12 में 36.7 प्रतिशत की निवेश दर का आकलन
· सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में घरेलू बचत दर वर्ष 2010‑11 में 33.8 प्रतिशत और वर्ष 2011‑12 में 34.0 प्रतिशत का आकलन था।
Ø दीर्घावधिऔसत के अनुमान के अनुसार वर्ष 2011 में मानसून के 90 से 96 की परिधिमें रहने की संभावना। परिणामस्वरूप कृषिउत्पादन क्षेत्र का विकास तीन प्रतिशत की दर से होने का अनुमान।
Ø औद्योगिक उत्पादन सूचकांक की समीक्षित श्रंखला से उत्पादन स्तर का पता चलता है जो पुरानी श्रंखला की तुलना में बेहतर है।
· उत्पादन विकास का पुरानी श्रंखला के अनुरूप वर्ष 2007‑08 में आकलन किया गया था जबकिवर्ष 2008‑09 और वर्ष 2009‑10 में अधिक आकलन किया गया था।
· औद्योगिक उत्पादन पर वैश्विक संकट का बहुत प्रभाव पड़ा जिसका संकेत पुरानी श्रंखलाओं में मिलता है।
· पुरानी श्रंखलाओं द्वारा 7.8 प्रतिशत के उत्पादन विकास का संकेत मिलता था, उसकी तुलना में वर्ष 2020‑11 में उत्पादन विकास दर 8.2 प्रतिशत रही जो अधिक है।
Ø वर्ष 2010‑11 में चालू खाता घाटा (सकल घरेलू उत्पाद का 2.6 प्रतिशत) 44.3 अरब डॉलर था और वर्ष 2011‑12 में इसके (सकल घरेलू उत्पाद का 2.7 प्रतिशत) 54.0 अरब डॉलर रहने का अनुमान।
· वर्ष 2010‑11 में वाणिज्यिक व्यापार घाटा 130.5 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 7.59 प्रतिशत है और वर्ष 2011‑12 में इसके 154.0 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 7.7 प्रतिशत रहने की संभावना है।
· वर्ष 2010‑11 में अलक्ष्य व्यापारिक बेशी 86.2 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत है और वर्ष 2011‑12 में इसके 100.0 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत रहने की संभावना है।
Ø वर्ष 2010‑11 में पूंजी प्रवाह 61.9 अरब डॉलर रहा और वर्ष 2011‑12 में इसके 72.0 प्रतिशत रहने की संभावना।
· वर्ष 2011/12 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 35 अरब डॉलर अनुमानित जबकिवर्ष 2010‑11 में यह 23.4 अरब डॉलर के स्तर पर था।
· विदेशी औद्योगिक निवेश 14 अरब डॉलर रहने का अनुमान जो पिछले वर्ष 30.3 अरब डॉलर के स्तर के आधे से भी कम है।
Ø वर्ष 2010‑11 में संचयों में 15.2 अरब डॉलर की वृद्धि। वर्ष 2011‑12 में इसके 18.0 अरब डॉलर होने का आकलन।
Ø मार्च 2012 में मुद्रास्फीतिदर 6.5 प्रतिशत रहने का आकलन।
· जुलाई‑अक्टूबर 2011 में मुद्रास्फीतिदर नौ प्रतिशत के स्तर पर बनी रहेगी। नवंबर में कुछ राहत मिलने की संभावना है और मार्च 2012 तक इसमें 6.5 प्रतिशत तक पहुंचने का आकलन है।
· उपलब्ध खाद्यान्न भंडारण को उदारता के साथ जारी करना होगा।
· मांग दबाव का मुकाबला करने में वित्तीय नीतिकी महत्वपूर्ण भूमिका। सुनिश्चित करना होगा किवित्तीय घाटा बजटीय स्तर से अधिक न होने पाए।
· जब तक मुद्रास्फीतिमें गिरावट का रुझान न आ जाए, तब तक भारतीय रिजर्व बैंक को कड़ी मौद्रिक नीतिका पालन करना होगा।
Ø 2011/12 के बजट अनुमानों में उल्लिखित वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करना होगा ताकिचुनौतियों का सामना किया जा सके
Ø वर्ष 2011/12 के लिए बजट अनुमान – केंद्र के लिए 4.7 प्रतिशत, राज्यों के लिए 2.1 प्रतिशत और बजटीय देनदारियों सहित समेकित वित्तीय घाटा 6.8 प्रतिशत।
Ø सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त करने और कर बकायों के मामलों को हल करने के लिए प्रयास बढ़ाने होंगे।
Ø जिन खर्चों को टाला जा सकता है उन्हें कम किया जाए और राजस्व बढ़ाने के लिए उपाय शुरू किए जाएं।
Ø राज्यों के साथ चलने वाले मामलों का निपटारा किया जाए और माल एवं सेवा कर आरंभ किया जाए।
Ø राज्य सरकारों की देनदारियां सीमित करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में वितरण प्रणाली में सुधार किया जाए।
Ø ध्यान देने योग्य प्रमुख मुद्दे
· राज्यों की विकास दरों के आंकड़े
o हालिया आंकड़ों का विश्लेषण यह इंगित करता है किजहां अधिकांश कम आय वाले राज्यों ने मजबूत विकास दर को दर्शाया है, वहीं कुछ उच्च आय वाले राज्यों ने भी वृद्धिदर्ज की है ।
Ø चालू खाता घाटा
- विकास की हमारी जरूरतों के मद्देनजर एक मध्यम व्यापार घाटा और सीएडी अपरिहार्य है। सीएडी के वित्त पोषण के लिए विदेशी निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित किए जाने की जरुरत है। हालांकि सीएडी को सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 प्रतिशत से नीचे निहत किया जाना चाहिए।
· विद्युत क्षेत्र
- भारत के विकास की कहानी काफी हद तक विद्युत क्षेत्र से जुड़ी हुई है ।
- उच्च एटी एंड सी घाटे को कम करने के लिए नीति में तत्काल हस्तक्षेप की जरुरत है ताकि विद्युत संयंत्रों में कोयले की उपलब्धता, भूमि अधिग्रहण और पर्यावर्णीय मंजूरी और राज्यों के द्वारा विद्युत दरों के संशोधन को सुनिश्चित किया जा सके।
- ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना
· खाद्य सुरक्षा
- एक उपयुक्त विधायी अधिनियमन के माध्यम से गरीबों को खाद्य पदार्थों का कानूनी अधिकार दिए जाने की ज़रूरत ।
- कानूनी अधिनियमनों को लागू करते वक्त अनाज की उपलब्धता को ध्यान में रखना होगा।
- वितरण को मजबूत करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार की जरूरत है। कम्प्यूटरीकरण, स्मार्ट कार्डों की शुरूआत और विशेष पहचान संख्या का इस्तेमाल महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है ।
सारणी-1 सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि- वास्तविक और अनुमानित
2004/05 मूल्य पर स्थिर
| वर्ष-दर- वर्ष वृद्धिदर प्रतिशत में |
| वार्षिक दर | 2005-06 | 2006-07 | 2007-08 | 2008-09 | 2009-10 | 2010-11 | 2011-12 |
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| क्यूई | संशोधित | अनुमानित |
1 | कृषिऔर इससे संबंधित क्रियाकलाप | 5.1 | 4.2 | 5.8 | -0.1 | 0.4 | 6.6 | 3.0 |
2 | खनन और उत्खनन | 1.3 | 7.5 | 3.7 | 1.3 | 6.9 | 5.8 | 6.0 |
3 | विनिर्माण | 10.1 | 14.3 | 10.3 | 4.2 | 8.8 | 8.3 | 7.0 |
4 | विद्युत, गैस और जल आपूर्ति | 7.1 | 9.3 | 8.3 | 4.9 | 6.4 | 5.7 | 7.0 |
5 | निर्माण | 12.8 | 10.3 | 10.7 | 5.4 | 7.0 | 8.1 | 7.5 |
6 | व्यापार, होटल, परिवहन, भंडारण और संचार | 12.2 | 11.6 | 11.0 | 7.5 | 9.7 | 10.3 | 10.8 |
7 | वित्त, बीमा ,स्थावर संपत्ति और व्यापारिक सेवाएं | 12.7 | 14.0 | 11.9 | 12.5 | 9.2 | 9.9 | 9.8 |
8 | सामुदायिक और व्यक्तिगत सेवाएं | 7.0 | 2.9 | 6.9 | 12.7 | 11.8 | 7.0 | 8.5 |
9 | कुल घरेलू उत्पाद (उत्पादन लागत) | 9.5 | 9.6 | 9.3 | 6.8 | 8.0 | 8.5 | 8.2 |
10 | उद्योग (2 + 3 + 4 + 5) | 9.7 | 12.2 | 9.7 | 4.4 | 8.0 | 7.9 | 7.1 |
11 | सेवाएं (6 + 7 + 8) | 11.0 | 10.1 | 10.3 | 10.1 | 10.1 | 9.4 | 10.0 |
12 | गैर-कृषि (9 - 1) | 10.5 | 10.8 | 10.1 | 8.2 | 9.4 | 8.9 | 9.0 |
14 | प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (उत्पादन लागत) | 7.8 | 7.8 | 7.6 | 5.0 | 6.2 | 6.8 | 6.4 |
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| कुछ परिमाण |
15 | सकल घरेलू उत्पाद उत्पादन लागत- 2004/05की कीमतें लाख करोड़ रुपयों (या ट्रिलीयन) | 32.5 | 35.7 | 39.0 | 41.6 | 44.9 | 48.8 | 52.8 |
16 | सकल घरेलू उत्पाद बाजार और वर्तमान कीमत लाख करोड़ रुपयों में (या ट्रिलियन | 36.9 | 42.9 | 49.9 | 55.8 | 65.5 | 78.8 | 89.8 |
17 | सकल घरेलू उत्पाद बाजार और वर्तमान मूल्य बिलियन अमेरिकी डॉलर में | 834 | 949 | 1,241 | 1,223 | 1,385 | 1,732 | 1,994 |
18 | जनसंख्या मिलियन में | 1,108 | 1,126 | 1,145 | 1,164 | 1,183 | 1,202 | 1,222 |
19 | प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य | 33,317 | 38,117 | 43,554 | 47,975 | 55,384 | 65,517 | 73,460 |
20 | प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद बाजार मूल्य वर्तमान अमेरिकी डॉलर में | 753 | 842 | 1,084 | 1,051 | 1,171 | 1,441 | 1,632 |