Thursday, October 6, 2011

पैसा कमाना एक आर्ट है...

कोई भी सीख सकता है पैसा कमाने का हुनर- Navbharat Times
रॉबर्ट के पिता गरीब (पुअर डैड) हैं। वह साधारण की नौकरी करते हैं। उनमें वे सारी असुरक्षाएं हैं, जो आम आदमी को होती हैं और वह उन्हीं के अनुसार अपने बेटे को सीख देते हैं। पुअर डैड का फंडा बिल्कुल साफ है पढ़ो, डॉक्ट्रेट की डिग्री लो और नौकरी करो। वह कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। पुअर डैड पढ़ा-लिखा है लेकिन उसे पैसे कमाने का हुनर नहीं आता। वह मानता है कि मैं कभी अमीर नहीं बन सकता इसलिए वह बन भी नहीं पाता। दूसरी ओर, रॉबर्ट के दोस्त का पिता (रिच डैड) है, जो सिर्फ आठवीं पास है, लेकिन पैसे कमाना बखूबी जानता है। रॉबर्ट दोनों डैड को देखता है और उनकी जिंदगी से सबक लेता है। आखिर में वह रिच डैड को फॉलो करने का फैसला करता है।

कहानी वहां से शुरू होती है, जब रॉबर्ट और उसका दोस्त नकली पैसे बना रहे होते हैं। रिच डैड यह देख लेता है और कहता है कि मैं तुम्हें असली पैसा कमाना सीखाता हूं। वह उन्हें समर जॉब देता है लेकिन इतना काम कराता है कि वे हताश हो जाते हैं। वह उनसे और काम कराता है। आखिरकार दो हफ्ते बाद वे दोनों कहते हैं कि हम ऐसे काम नहीं करेंगे। बस, पैसे को लेकर यह उनकी जिंदगी का पहला सबक साबित होता है कि बार-बार इस बारे में मत सोचो कि हमें कम पैसे मिल रहे हैं, यह सोचो कि ज्यादा पैसे कैसे मिलें। अगर आप यह सोचेंगे कि मैं नहीं कर पाऊंगा, तो कभी नहीं कर पाओगे। जिस दिन यह सोचोगे कि कमा सकते हो, उसी दिन से कमाने लगोगे।

दूसरा बड़ा सबक यह है कि दूसरों के लिए काम करके आप रईस कभी नहीं बन पाएंगे। इसके लिए अपना काम जरूरी है। साथ ही, पैसे के बारे में बात करो। यह गलत नहीं है। यहां तक कि डिनर टेबल पर भी पैसे की बात करो कि आप कैसे ज्यादा कमा सकते हैं।

तीसरी बात, रिस्क लेना जरूरी है। आप संपत्ति बनाने के बजाय रकम को कारोबार में लगाओ। इससे और रकम पैदा होगी। रिच डैड का कहना है कि जो चीज पैसा खा रही है, वह एसेट नहीं हो सकती, फिर चाहे घर हो या गाड़ी। इन पर पैसे मत लगाओ। रियल एस्टेट में पैसा लगाओ। सौ घर खरीदो-बेचो, तब एक अपने पास रखो, न कि एक घर खरीदकर उसे ही अपने पास रख लो।

किताब में दोनों डैड की सोच में हर बात को लेकर बड़ा अंतर दिखता है। सबसे बड़ा अंतर दिखता है, जब पुअर डैड कहता है कि ज्यादा पैसा गलत काम करने को मजबूर करता है, वहीं रिच डैड कहता है कि अगर किसी के पास पैसा नहीं है तो वह गलत काम करेगा। कुल मिलाकर किताब पाठक में पैसा कमाने की जोरदार ललक पैदा करती है। यही इसकी कामयाबी है।

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