* उडीसा के बालासोर से स्वदेशी बलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम का किया गया तीसरा कामयाब टेस्ट एक उपलब्धि है।भारत जिस तरह चारो ओर से दुश्मनों से घिरा हुआ है , ऐसे माहौल में इसकी शख्त जरुरत है ।
*रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन पिछले कई सालों से ऐसी इंटरसेप्टर मिसाइल बनाने में लगा हुआ है और यह उपलब्धि आस जगाती है ।
*अभी हमारे पास लगभग तिन हजार किमी मार करने वाली मिसाइलें है ,जो नाकाफी है । हमारे वैज्ञानिक पाँच से दस हजार किमी तक मार करने वाली आई सी बी एम् मिसाइल बनाने में लगे हुए है ।
*यह डिफेन्स सिस्टम पांच से दस हजार किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों को टार्गेट तक पहुचने से पहले ही नष्ट कर देगी ।
*इस सिस्टम में इस्राइली ग्रीन पाइन रेडार्स का इस्तेमाल हुआ है, उनमें भी कई सुधार भारतीय वैज्ञानिकों ने किए हैं जो हमारी जरुरत के अनुकूल है ।
* यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम वक्त की जरूरत है। हम हरगिज नहीं चाहेंगे कि कभी इस सिस्टम को आजमाने की नौबत इस इलाके में आए, पर इस संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि भविष्य में यदि युद्ध हुए तो वे मिसाइलों से लड़े जा सकते हैं।उस स्थिति में यह हमारी मदद करेगा ।
*पड़ोसी चीन भी मिसाइल डिफेंस कार्यक्रम में लगा है। हमारे देश में बलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) अभी प्रारंभिक दौर में है और इसे एक भरोसेमंद डिफेंस सिस्टम में तब्दील होने में कुछ साल और लग सकते हैं।
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2 comments:
... प्रभावशाली जानकारी है।
Jaankariyon ke liye dhanywaad.
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