
उडीसा में पुरी से ३३ किलोमीटर दूर समुद्र तट पर स्थित कोणार्क सूर्यमंदिर के लिए विख्यात है । इस मन्दिर का निर्माण अबुल फजल के अनुसार केशरी वंशी राजा ने नवीं शताब्दी में किया था । गंगवंशीय राजा नरसिंह देव प्रथम द्वारा तेरहवीं शताब्दी में इस मन्दिर को नविन रूप दिया गया । चतुर्भुजाकार परकोटे पर स्थित यह मन्दिर वास्तुकला की दृष्टि से श्रेष्ठ और अन्य मंदिरों से भिन्न है । मन्दिर के गर्भगृह में पशु पक्षियों ,किन्नरों ,गन्धर्वों ,देवी देवताओं तथा अप्सराओं की विभिन्न मूर्तियाँ आज भी विद्यमान है । मन्दिर की मूर्तियों में खजुराहो शैली की झलक दिखायी देती है ।
2 comments:
कुछ और चित्र और शब्द होते तो इस महान कृति को जो अरसे से समय की तप्त हवाओं में खड़ी है, कुछ सुकून मिलता और हमें थोडा और जानने को.
jay ji comment aur advice ke liye thanks....i will try.
Post a Comment