Wednesday, April 29, 2009

एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जाती......

जीवन एक संगिनी की तरह हैहमेशा आपके साथराह में हर मोड़ पर कदम मिलाते हुए
कुछ ख़त्म हो गया तो क्या हुआबहुत कुछ अभी बाकी है , मेरे दोस्त .....कहाँ खो गए
दोस्त ! एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जातीबहुत से सपने अभी भी बुने
जा सकते हैटूटने दो यार एक सपने को ..वह टूटने के लिए ही था
हर शाम के बाद सुबह , हर सुबह के बाद शामयह तो प्रकृति का नियम हैअभी शाम है ...
मेरे दोस्तसुबह का इन्तजार करोआनेवाला ही हैफ़िर डर कैसा ? जम कर करो ,इन्तजार
क्या कहू दोस्त ....जीवन में अँधेरा भी तो जरुरी हैतभी तो उजाले का प्रश्फुटन होगा
अंधेरे के बाद का उजाला ज्यादा मीठा होता हैचख कर तो देखो

6 comments:

AMBRISH MISRA ( अम्बरीष मिश्रा ) said...

kuch to baat hai kuch to khas hai aap ka ye andaaz

kyo hai aap itne lajababa

aap logo kee rachnaye logo ko bahut pashad aarahee hai achcaa laga aur bhi likhte rahiye dhanybaad

aap se gujaris hai ki kam se kam meree rachnao me padhkar hi comment kare shimaan ji

शोभना चौरे said...

apka ak blog ashavadi hai dusra nirashavadi fir bhi apne achha samnjsya kiya hai .ak hi sikke ke do phlu hai .
abhar

कडुवासच said...

एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जाती । बहुत से सपने अभी भी बुने
जा सकते है । टूटने दो यार एक सपने को ..वह टूटने के लिए ही था ।
...प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!!

हरकीरत ' हीर' said...

सकारात्मक सोच के लिए बधाई.......!!
जीना इसी का नाम है....संघर्ष है तो जीवन है......!!

kulwant Happy said...

जिन्दगी के बारे में आपका नजरिया पढ़कर अच्छा लगा. सही बात है एक सपने के टूटने से जिन्दगी का बहाव नहीं रुकना चाहिए..

Anonymous said...

sakaratmak soch.....but its diffficult to apply in our life........