जीवन एक संगिनी की तरह है । हमेशा आपके साथ । राह में हर मोड़ पर कदम मिलाते हुए ।
कुछ ख़त्म हो गया तो क्या हुआ । बहुत कुछ अभी बाकी है , मेरे दोस्त .....कहाँ खो गए ।
दोस्त ! एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जाती । बहुत से सपने अभी भी बुने
जा सकते है । टूटने दो यार एक सपने को ..वह टूटने के लिए ही था ।
हर शाम के बाद सुबह , हर सुबह के बाद शाम । यह तो प्रकृति का नियम है । अभी शाम है ...
मेरे दोस्त । सुबह का इन्तजार करो । आनेवाला ही है । फ़िर डर कैसा ? जम कर करो ,इन्तजार ।
क्या कहू दोस्त ....जीवन में अँधेरा भी तो जरुरी है । तभी तो उजाले का प्रश्फुटन होगा ।
अंधेरे के बाद का उजाला ज्यादा मीठा होता है । चख कर तो देखो ।
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6 comments:
kuch to baat hai kuch to khas hai aap ka ye andaaz
kyo hai aap itne lajababa
aap logo kee rachnaye logo ko bahut pashad aarahee hai achcaa laga aur bhi likhte rahiye dhanybaad
aap se gujaris hai ki kam se kam meree rachnao me padhkar hi comment kare shimaan ji
apka ak blog ashavadi hai dusra nirashavadi fir bhi apne achha samnjsya kiya hai .ak hi sikke ke do phlu hai .
abhar
एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जाती । बहुत से सपने अभी भी बुने
जा सकते है । टूटने दो यार एक सपने को ..वह टूटने के लिए ही था ।
...प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!!
सकारात्मक सोच के लिए बधाई.......!!
जीना इसी का नाम है....संघर्ष है तो जीवन है......!!
जिन्दगी के बारे में आपका नजरिया पढ़कर अच्छा लगा. सही बात है एक सपने के टूटने से जिन्दगी का बहाव नहीं रुकना चाहिए..
sakaratmak soch.....but its diffficult to apply in our life........
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